
संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा गढ़वा से झारखंड के गढ़वा जिले में गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2,460 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने रेहला फोरलेन सड़क का भी उद्घाटन किया। गडकरी ने कहा कि इन योजनाओं से झारखंड में न केवल सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए द्वार भी खुलेंगे। उन्होंने झारखंड को खनिजों से भरपूर बताते हुए कहा कि जब तक यहां के युवाओं को काम नहीं मिलेगा, तब तक विकास अधूरा रहेगा।
गडकरी ने अपने संबोधन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘अच्छी सड़कें देश को समृद्ध बनाती हैं। झारखंड की सड़कें अब फोरलेन होंगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी और जीवन स्तर में सुधार आएगा।”
उन्होंने अपने गृह राज्य महाराष्ट्र की मिसाल देते हुए बताया कि कैसे उनके क्षेत्र में जल संकट के कारण 10,000 किसानों ने आत्महत्या की थी। ‘हमने वहां 5,000 तालाब बनवाए, जिससे हालात बदले। उसी मॉडल को झारखंड में लागू किया जाएगा, जहां 1,000 तालाब निर्माण की योजना है। इन तालाबों की खुदाई से निकली मिट्टी को सड़क निर्माण में उपयोग किया जाएगा, उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में गडकरी ने झारखंड की तसर साड़ी, बुनाई और स्थानीय कला की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘यहां की डिज़ाइन और हुनर में गजब की खूबसूरती है। साहेबगंज और गोड्डा से बनवाई गई साड़ियों की देशभर में मांग है। इस कारीगरी को प्रोत्साहन और प्रशिक्षण देकर हम झारखंड की पहचान को और निखार सकते हैं।”
इस मौके पर गडकरी ने गढ़वा-अंबिकापुर और टोरी-चंदवा सड़क परियोजनाओं को भी मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय स्थानीय विधायक सत्येंद्र तिवारी और सांसद बीडी राम की मांग और प्रयासों के चलते संभव हुआ। सांसद बीडी राम की मेहनत का ही नतीजा है कि आज यह सड़क हकीकत बनने जा रही है. गडकरी ने कहा।
गडकरी ने बताया कि वाराणसी से कोलकाता तक बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर के अंतर्गत झारखंड में भी फोरलेन सड़क का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। उन्होंने ऐलान किया कि झारखंड में कुल 2 लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़क परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जो राज्य के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
उन्होंने कृषि क्षेत्र को ऊर्जा उत्पादन से जोड़ने की योजना साझा करते हुए कहा कि देश का किसान अब केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि ऊर्जा दाता भी होगा। झारखंड में पुआल से बायो-CNG बनाने की अपार संभावनाएं हैं। यहां धान की पैदावार अच्छी होती है, जिससे पुआल आधारित बायो-सीएनजी संयंत्र लगाए जा सकते हैं।’
गडकरी ने झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के उस कथन का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा कि ‘चुनाव तक राजनीति होनी चाहिए, उसके बाद विकास की राजनीति होनी चाहिए। उन्होंने इसे राष्ट्रहित में जरूरी बताया।
अंत में गडकरी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और बताया कि हेमंत सोरेन से उनकी बातचीत हुई है, लेकिन वे दिल्ली में शिबू सोरेन के साथ होने के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। गडकरी ने मंच से जय जोहार, जय झारखंड और ‘नमस्कार के साथ अपना भाषण समाप्त किया और यह भरोसा भी दिलाया कि झारखंड में कोई भी योजना अधूरी नहीं छोड़ी जाएगी।